जुमा के खुत्बा का तर्जुमा हिंदी और उर्दू में जरूर पड़े | Juma ke khutba ka tarjuma hindi mein | Zuma ke Khutba ka translate Hindi me

जुमा के खुत्बा का तर्जुमा हिंदी और उर्दू में जरूर पड़े | Juma ke khutba ka tarjuma hindi mein | Zuma ke Khutba ka translate Hindi me

जुमा का खुत्बा का तर्जुमा हिंदी में...

तमाम तारीफे अल्लाहताला के नाम जिसने हमें कुराने करीम सिखाया जिसने इंसान को पैदा किया और बयान का इजहार सिखाया मैं गवाही देता हूँ की अल्लाह के सिवा कोई माबूद नही उसका कोई सरीक नही मै गवाही देता हूँ की मेरा सरदार मेरा मौला हजरत मोहम्मद सल्लाल्ह्ताला अलय्ही वसल्लम अल्लाह के बन्दे और उसके आखरी रसूल हैं ये अगर न होते तो सारी कायनात न होती अल्लाह के बन्दों दुनिया में गौर करो दुनिया के नेयामतो के ऊपर गौर करो अल्लाहताला ने कितनी नेमते अता किया है एक एक पे गौर करो और देखो की परवर दिगारे आलम की सान और उसकी कुदरत कितनी कामिल और मुकम्मल है हर चीज उसकी वहदानियत और खालिक की गवाही दे रही है और याद रखो की दुनिया और दुनिया की अन्दर जो भी चीजें हैं वो फ़ना होने वाली है ये सब दुनिया ख़तम हो जाएगी दुनिया की सारी नेमते ख़तम हो जाएगी हजरत राबिया बिन काब अलस्लमी रजी अल्लाहताला अन्हु रिवायत करते हैं कि एक मर्तबा मैं रात में रसूल सल्लल्लाहताला अलय्ही वसल्लम के साथ था और मैं रात में आपके पास रात गुजारा करता था और मै आपकी जरुरत के लिए पानी लाता था जब आप वजू फरमाते थे तो वजू का पानी भी लाता था तो एक दिन हुजूर सल्लल्लाहताला अलय्ही वसल्लम ने फ़रमाया कि मांगो क्या मांगना चाहते हो (सुभ्हानल्लाह. अल्लाहताला ने अपने रसूल को सब कुछ दिया हुआ था सरे इख़्तियार दिया था) तो मैंने कहा की हुजूर मैं तो ये मै चाहता हूँ की जैसे दुनिया में आपके पास हूँ वैसे जन्नत में आपही के साथ रहूँ हुजूर ने फ़रमाया क्या यही या कुछ और मैंने फ़रमाया यही एक मुराद है की जन्नत में मैं आपही के साथ रहूँ हुजूर ने फ़रमाया तुम मेरी मदद किया करो ज्यादा से ज्यादा सजदा करके ये नही फ़रमाया की जन्नत में मै तुम्हे अपने साथ नही रख सकता बल्कि हुजूर ने ये फ़रमाया की तुम मेरी मदद करो ज्यादा से ज्यादा सजदा करके यानि नमाजे पूरी पड़ो फ़र्ज नमाजे पड़ो नफिल नमाजे पड़ो और ज्यादा से ज्यादा नमाज पड़के सजदा करके और दुआ करके इस काबिल बन जाओ की तुम जन्नत में जाओ हलाकि हुजूर सल्लल्लाहताला अलय्ही वसल्लम अगर सफाअत फरमा देंगे तो जन्नत में चले ही जायंगे लेकिन आपने फ़रमाया अमल भी करो तो ये हमारे लिए भी नसीहत है की पांच वक्त नमाज पड़े और नफिल नमाजे इबादत ये तमाम चीजे हम लोग ज्यादा से ज्यादा करे इससे पता लगता है की दीन और दुनिया की कामयाबी इसी में है की हम नमाजो की पावंदी करे और ज्यादा से ज्यादा सजदे करके अल्लाह को रजी करें अल्ल्लाहताला हमें तौफीक दे की हम वो अमल करे जिससे परवर दीगार राजी हो जाये जिससे अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहताला अलय्ही वसल्लम राजी हो जाये और अल्लाहताला हमको और आप को दीन में और दुनिया में और कुरान में हर चीज में मरकत अता फरमाए और हमारी सब की दुआ क़ुबूल फ़रमाए बेसक वही परवर दिगार है जो बड़ा नवाजने वाला है बहुत देने वाला है बड़े करम वाला है उसी की बारगाह में हमारी दुआ है की रब्बुल आलमीन हम सब एक और नेक बनने की तौफीक अता फरमाए अमीन...

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