कुर्बानी करने की दुआ हिन्दी में तर्जुमा सहित | Qurbani ki Dua | islamichak

कुर्बानी करने की दुआ हिन्दी में तर्जुमा सहित | Qurbani ki Dua | islamichak

कुर्बानी करने का तरीका

1). सबसे पहले अपनी छूरी को तेज धार हो मुरदार छूरी न ले क्यूकि आप देर तक रगड़ते रहेंगे तो इससे जानवर को ज्यादा तकलीफ होती है और तेज छूरी रहेगी तो जल्दी से कट जायेगा और जान निकल जायेगी तो आसानी होगी। इसलिए कुर्बानी से पहले अपनी छूरी तेज कर ले,

2). जानवर को भूखा, प्यासा न जिबा करें बल्कि कुर्बानी करने से पहले उसको चारा दिखा दे पानी दिखा दे ताकि उसको भूख प्यास की जरूरत हो तो पूरा कर ले।

3). जानवर के सामने आप छूरी तेज न करें फिर इसके बाद छूरी तेज हो जाए तो जहां पर आपको कुर्बानी करनी है जानवर को वहां पर ले जाएं।

और जानवर को आप इस तरह लिटाएं की उसका पूरा जिस्म उत्तर की तरफ हो और उसका सिर दक्षिण की तरफ हो और उसका चेहरा किबले (यानी पश्चिम) की तरफ हो जाए फिर उसके बाद आप जानवर को ज़िबा करें आप छूरी अच्छे से चलाएं और जानवर को तीन बार में जबा करने की कोशिश करे उससे ज्यादा रगड़ना पर रहा है तो कोई हर्ज नहीं है। जानवर की गर्दन में चार रगें होती है अगर चारों कट जाए तो बेहतर है लेकीन कम से कम तीन रगो का कट जाना जरूरी है,

ज़िबा करने से पहले आप इस दुआ को पड़े,

कुर्बानी की दुआ

इन्नी वज्जहतु वजहि य लिल्लजी फ त रस्मावाति वल अर्दा हनीफँव व् मा अ न मिनल मुशरिकीन इन न सलाती व नुसुकी मह्या य व ममाती लिल्लाहि रब्बिल आलमीन ला शरी क लहू व बि जालि क उमिरतु व अ न मिनल मुस्लिमीन • अल्लाहुम्मा मिन क व लक बिस्मिल्लाहि अल्लाहु अकबर

Dua in English 

inni wajjahtu wajhiya Lillazi Fataras samawaati wal arda Hanifaw wamaa ana minal mushrikeen.

innassalaati Wa Nusuki Wa Mahyaya Wa Mamati Lillahi Rabbil A'lameen. La sharika lahu Wa bizaalika umirtu Wa Ana awwalul muslimeen. Allahumma Minka Wa laka Haza Bismillahi-Allahu Akbar

तर्जुमा:

(: मैने अपने मुंह उस उसकी तरफ़ कर लिया जिस ने आसमानो और जमीन को बनाया और मैं मुश्रिकीन में से नहीं हूं. बेशक मेरी नमाज, मेरी कुर्बानी, मेरा जीना, मेरा मरना, सब अल्लाह के लिए है जो सारे जहां का परवरदिगार है, उस का कोई शरीक नहीं है और मैं मुसलमानो में से हूं )

कह कर जिबह करे,

अगर आप अपनी तरफ़ से कुर्बानी किए हैं तो आप इस तरह दुआ को पड़े

यह दुआ पढ़े:-)अल्लाहुम्मा तकब्बल (मिन्नी) कमा तकब्बलतामि नखलीलिक इबराहीमा अलैहिस्सलामु व हबीबिक मुहम्मदिन सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम

(तर्जुमा ऐ अल्लाह ! यह तेरी ही तरफ से और तेरी ही रजा के लिए है तू कुबूल फरमा मेरी ओर मेरे घर वालों की तरफ़ से).

अगर किसी और की जानिब से कुर्बानी है आप जिबा कर रहे हैं तो आपको मिन्नी नहीं कहना है (मिन कहना है) उसके बाद जिसके नाम से कुर्बानी हों उसका नाम ले उनके बाद उनके वालिद का नाम ले।

Example:-) उनका नाम खालिद है और उनके अब्बा का नाम अब्दुल रहमान है तो आप इस तरह कहेंगे 

अल्लाहुम्मा तकब्बल मिन खालिद इब्ने अब्दुल रहमान कमा तकब्बलता मिन खलीलिक इबराहीमा अलैहिस्सलामु व हबीबिक मुहम्मदिन सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम

इस तरह अपने जानवर को कुर्बानी के लिए पेस कर सकते हैं

अक़ीके की दुआ

अल्लाहुम्मा हाजिही अक़ीक़तो (उसका और उसके बाप का नाम) दमुहा बिदमिही व लहमुहा बिलहमिही व अज़मुहा बिअज़मिही व जिल्हा बिजिल्दिही व शारूहा बिशारिही अल्लाहुम्मजअलहू फ़िदाअन (लिइब्नी) मिनन्नार । बिस्मिल्लाही अल्लाहु अकबर पढ़ कर तेज़ छुरी से ज़िबह कर दें। और अगर अकीका लडकी का हो तो 'इब्नी' की जगह 'बिन्ती' और 'ही' की जगह 'हा' पढें ।

Qurbani ki dua

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