मुहम्मद ﷺ ने हजरत आयशा 9 साल की उम्र में क्यू सादी की अहम मसला जरूर पढ़ें

मुहम्मद ﷺ ने हजरत आयशा 9 साल की उम्र में क्यू सादी की अहम मसला जरूर पढ़ें

मुहम्मद ﷺ ने हजरत आयशा 9 साल की उम्र में क्यू सादी की 

एक औरत ने मौलाना से एक सवाल पूछा की नबी (ﷺ) ने नौ बीबियां क्यू रखी और इतनी कम उम्र की लड़की से निकाह क्यू किया। कह रही की ये सवाल मेरे दिमाग में पक पक के मेरा दिमाग खराब हो गया मौलाना साहब ने उनसे कहा अगर नबी (ﷺ) ने ये काम (माजल्लाह) अय्यासी के लिए किया होता तो अय्यासि की उम्र 50 साल होती है कि 25 साल बोलो न 25 में आप (ﷺ) ने 40 साल की औरत से सादी कर रहे हैं जो दो दफा बेवा हो चुकी थी।

नहीं आई बात दिमाग में,

(1). एक तो 25 साल में कोई अय्यास आदमी 40 साला कुंवारी औरत से सादी नहीं करेगा, कर के देखो तो पूरा खानदान आपको निचोड़ डालेंगे।

(2). 25 साल की उम्र अगर कोई बेवा मिल रही है तो उससे भी कोई सादी नहीं करेगा, और 25 साल में वो औरत अगर 2 बार बेवा हो तो भी उससे कोई सादी नहीं करेगा कहेगा ये दो बार बेवा हुई है।

तो नबी ऐसी सादी 25 साल की उम्र में कर रहे हैं जो बेवा भी और दो दफा बेवा और उम्र भी कितनी है 40 साल और अरब में 10, 10 बीवियां रखने का रिवाज था और ये इस्लाम ने बंद किया और 4 बीवियां रखने की इजाजत है। मगर 15 साल जवानी का बेहतरीन हिस्सा था उसी एक औरत के साथ गुजार दिया और दूसरी सादी नहीं की बहुत मुस्किल है, आइसे साफ पता चलता है कि हमारे प्यारे नबी में अयसो इशरत नहीं था। हालांकि अरब में कम उम्र की लड़कियों से शादी करने का रिवाज भी और दस दस बीवियां रखने का रिवाज था। बहुत से सहाबा मुसलमान हुए जब इस्लाम कुबूल किए न तब उनके निकाह में दस दस बीवियां थी आपने फरमाया 4 को रखो 4 से ज्यादा की इजाजत नहीं है तो जिस माहौल में 10 बीवियां रखने की इजाजत हो जिसमें आपको ऑफर किया जा रहा हो कि आप अपने मिशन से पीछे हट जाएं अरब की सबसे खूबसूरत तारीन औरतों से आपकी सादी करा देंगे। हमारे प्यारे नबी ﷺ फरमाते है कि मेरे एक हाथ में चांद और दूसरे हाथ में सूरज भी लाकर रख दो तब पर भी मैं अपने मिशन से पीछे नहीं हटेंगे।

और 15 साल आपने 40 साल की बेवा के साथ गुजार दिए जवानी  का बेहतरीन हिस्सा जबकि कल्चर और माहौल माशरा ज्यादा सदियों की तरजीब दे रहा है उस जमाने में कल्चर था  1 को माऊब समझा जाता था फिर जब आपकी उम्र 50 साल होती है हिजरत का वक्त आता है तब उस वक्त आप धरा धर निकाह करते हैं ये साफ बताने के लिए की ये जो आप इतनी बीबियों से शादी किए अपने मिजाज या माजअल्लाह ऐश की वजह से नहीं बल्कि इस्लाम के हुक्म की वजह से क्यू इस्लाम के अहकाम नबुवत के बाद और हिजरत के बाद आना शुरू हुए हैं हिजरत के पहले तफसीली एहकाम नहीं आएथे और फिर उन 9 बीवियों में से सिर्फ एक कवांरी हैं बाकी आठ क्या हैं तलाक याफ्ता और बेवा जबकि अरब का कल्चर इजाजत देता था 10 बीवियां रखने की तो आपने 9 रखी  वो भी 50 के बाद अम्मी आयशा रजी अल्लाहताला अन्हा फरमाती है मुझे किसी सोगद पे रस्क नही आता था क्यूकि मुझे पता था नबी ﷺ को सबसे ज्यादा मुहब्बत किस्से हैं मुझसे फरमाया अगर आता था खादीजा पे आता था 40 साला बेवा पे जिनका इंतेकाल हो चुका था नबी ﷺ ने मौत के बाद उनको याद रखते थे अम्मी आयशा ने फरमाया या रसूलल्लाह भूड़ी औरत सुर्ख जबरो वाली आप उसे क्यू सोचते हो उसे क्यू याद रखा आपने अभी तक आप ﷺ को गुस्सा आ गया जो ऐश परस्त होता है अपनी बूढ़ी बीबी को याद करता है बोलो कभी नहीं याद रखेगा।

अम्मी आयशा फरमाती थी मुझे गैरत आती थी न नबी की ( हजरत सफिया रजी अल्लाह ताला अंहा) हुस्नो जमाल में मशहूर थी हजरत आइसा का हुस्नों जमाल नही था नबी को जो अम्मी आयशा से मुहब्बत थी वो आपकी इल्म और जहानत की वजह से थी जहीन बे इंतहा थी इस लिए थी नहीं आपकी दूसरी बीबी हजरत आइसा से ज्यादा खूब सूरत थी लेकीन उस खूबसूरत बीबी हजरत आयशा रस्क यानी गैरत नहीं आती थी उनको पता था नबी की नबुवत उनकी तरफ ज्यादा माइल नही है अलग चीज है की वो खूब सूरत हैं नबी मुझसे ज्यादा मुहब्बत करते हैं अल्लाहताला ने मुझे जहानत दिया इल्म दिया है और मैं अबूबक्र की बेटी हूं लेकिन अम्मी आइसा फरमाती थी मुझे गैरत किसी बीबी पे आती थी हजरत खदीजा पे ।

एक हिंदूं ने लिखा है इस कद्र अपनी पहली बीबी से मुहब्बत करना जिसकी उम्र भी ज्यादा हों ये ऐश परस्त आदमी का काम नहीं हो सकता और अम्मी आयशा रजी अल्लाह ताला अंहा जब फरमाती है आप उससे इतनी मुहब्बत क्यू करते हैं फरमाया एय आइसा उसने मुझे उस वक्त सहारा दिया जब मेरी कौम ने मुझे धूतकार दिया था ऐस परस्त आदमी सिर्फ सकल देखता है औसाफ नही देखता एक हिन्दू ने लिखा है की नबी ने बड़ी उम्र में इतनी सदियां की हैं हिंदू इसका अहतराफ करता है कि इससे साफ जाहिर होता है इस अमल का मकसद अपनी कौम के मर्दों को कसरते निकाह की तरजीब देना ताकि वो भी मोहासरे की बेसहारा औरतों को सहारा दे 

खैर मसला ये रहा उम्मत को चार खुद ज्यादा

(माजल्लाह) आपकी तबियत में ऐस करना होता ऐस परस्त आदमी खुद भी अय्याशी करता दूसरो को भी अय्याशी करने की इजाजत देता है दूसरो ये सलाह देता मैं 9 रख रहा हूं तुम 10 रख लो क्यू की उसपे उंगली भी उठेगी 

इससे ये पता चलता है कि नबी ﷺ को अल्लाह ने जो इजाजत दी थी एक से ज्यादा औरतों रखने की उसमे हिकमते मसहलते थी और उम्मत पर चार से ज्यादा पाबंदी इसलिए लगाई कयामत तक कानून बनाया जा रहा है उस कानून में चार से ज्यादा की इजाजत दे दी तो मालदार लोग 15, 20 सादी करेगें और गरीबों के हिस्से एक भी बीवियां नहीं आयेगी 

हजरत आयशा रजी अल्लाह ताला अंहा का निकाह 6 साल की उम्र में हुआ और विदाई 9 साल की उम्र में हुई हमारे प्यारे नबी ﷺ की उम्र 53 साल थी ने आयशा निकाह इस लिए किया क्यू कि कम उम्र की लड़कियों का ज़हन अच्छा रहता है और बड़ी उम्र में औरते बहुत जल्दी से भूल जाती हैं 

जिसको सब भूल जायेंगे उसको आइसा सिद्दिका बयान करेंगी नबी ﷺ फरमान बताने के लिए हमारे प्यारे नबी ने इसलिए निकाह किया।

Islamic Hak


सुब्हानकल्लाहुम्मा वबिहमदिका अशहदु अल्ला इलाहा इल्ला अन्ता असतग़फिरुका वा अतूबु इलइका

हमारे लिखने पढ़ने में जो भी गलती हो आपने हबीब के सदके में माफ फरमा से अमीन...


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