Mazar e Fatima Noha Lyrics 2021 | Nadeem Sarwar
या जहरा या जहरा या जाहरा
या जहरा या जहरा या जाहरा
या जहरा या जहरा या जाहरा
या जहरा या जहरा या जाहरा
हाय
देखो मजार ए फातमा कितना उदास हैं
या मजलूमा या मासूमा
या जाहरा
या मजलूमा या मासूमा
या जाहरा
या जहरा या जहरा या जाहरा
या जहरा या जहरा या जाहरा
देखो मजार ए फातमा कितना उदास हैं
बस इक निसाने संग ही तुर्बत के पास हैं
महरूम चूमने से भी हरवक्त सनास हैं
बोले जमाने देगा भला क्या जवाब तू
महसर में मुस्तफा के जब आयेगा रूह बारूह
या मजलूमा या जाहरा
या मसूमा या जाहरा...2
या जहरा या जहरा या जाहरा
या जहरा या जहरा या जाहरा
अल्लाह हरे फातमा जाहरा की बे कसी
इक सम्मा भी जलाने को आता नहीं कोई
तन्हा हैं एक घोसे में बेटी रसूल की
चारों तरफ मदीने में फैली है रोसनी
टूटे हुए मजार से लिपटी हुई है बेकसी
या मजलूमा या जाहरा
या मसूमा या जाहरा...2
या जहरा या जहरा या जाहरा
या जहरा या जहरा या जाहरा
बोले जमाने का तेरे दामन में कुछ ना था
जाहरा ने हर नमाज में दी है तुझे दुआ
तू एक टूटी कब्र जाहरा को दे सका
जब देखते हैं उजरी हुई कब्रे सैय्यदा
लगता हैं जैसे धूप में बहठी है फातिमा
या मजलूमा या जाहरा
या मसूमा या जाहरा...2
या जहरा या जहरा या जाहरा
या जहरा या जहरा या जाहरा
जहरा वही के जिसके सरपे हंसन और हुसैन
जहरा वही के जिसके हैं सौहर सहे हुनैन
जहरा वही के दो दिले पगम्बररी का चैन
ऐसा लुटा ये चैन की घर बार लुट गया
इक दिल था फातमा का जो सौ बार कट गया
या मजलूमा या जाहरा
या मसूमा या जाहरा...2
या जहरा या जहरा या जाहरा
या जहरा या जहरा या जाहरा
पहलू में आपके हैं हसन जैनुल आबेदीन
बाकी भी और जाफरे सादिक भी है यही
हाय किसी की भी कब्र सलामत अब भी नहीं
महसर में अपना दर्द सुनायेगी फातिमा
उम्मत ने जो किया है बताएगी फातिमा
या मजलूमा या जाहरा
या मसूमा या जाहरा...2
या जहरा या जहरा या जाहरा
या जहरा या जहरा या जाहरा
गुर्बत रसूल जादी की पड़ती हैं मर्सिया
हसरत से तकता रहता है रौजा रसूल का
आखों में अस्क चीखते हैं औनो मोहम्मदा
फरसे अजा बिछाने को आ जाइए इमाम
जहरा का गम मनाने को आ जाइए इमाम
या मजलूमा या जाहरा
या मसूमा या जाहरा...2
या जहरा या जहरा या जाहरा
या जहरा या जहरा या जाहरा
बीबी तुम्हारे लाल के गमखार आए हैं
जाने कहां कहां से अजादार आएं हैं
नौहा सुनाने आपके जौवार आएं हैं
ये आरजू थी आंखो से मट्टी लगाएंगे
सोचा ना था की फातिहा पड़ने ना आएंगे
या मजलूमा या जाहरा
या मसूमा या जाहरा...2
या जहरा या जहरा या जाहरा
या जहरा या जहरा या जाहरा
जौवार चुप हैं सारा बकैया उदास है
करबोबला खामोश मदीना उदास हैं
हर एक नबी का चाहने वाला उदास है
बीबी को कब्र में भी सुकून है ना चैन हैं
है पसलियों पे हाथ जबां पे हुसैन है
या मजलूमा या जाहरा
या मसूमा या जाहरा...2
या मजलूमा या जाहरा
या मसूमा या जाहरा
या जहरा या जहरा या जाहरा
या जहरा या जहरा या जाहरा
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Mazar E Fatima