MUHARRAM के हवाले से कुछ सैर शुक्र आधा ईमान है, सब्र आधा ईमान
है और यकीन मुकम्मल ईमान है
1. हज़रते सय्यिदुना आमिर बिन शराहील इकस
फ़रमाते हैं कि
शुक्र आधा ईमान है, सब्र आधा ईमान
है और यकीन मुकम्मल ईमान है.
2. कर्बला को कर्बला के शहंशाह पर नाज है
उस नवासे पर मुहम्मद को नाज है,
सूतो लाखों सिर झुके सजदे में लेकिन
हुसैन ने दो सजदा किया जिस पर खुदा को नाज है.
3. अल्लाह ने अपने नूर का
जलवा दिखा दिया
सब नूर को मिला के
मुहम्मद बना दिया
हम से ज्यादा होगा कौन
खुश नसीब दुनिया में -
के रब ने हम को उनका
ऊम्मती बना दिया.
4. खंजर भी रो रहा था गला शाह का काट कर
ज़ालिम ने फिर भी आह ना की शाह को मार कर,
मेरे हुसैन का था वो सजदा आखरी
सजदे को जो जिंदगी दे गया घर बार लुटा कर.
5. एुदा का जिस पट टहमत हो तो
हुसैन होता हैं,
जो इन्साफ औट सत्य के लड़
जाए वो हुसेन होता हैं.
6. ज़मीन जब भी हुई कर्वला हमारे लिए
तो आसमान से उतरा खुदा हमारे लिए
उन्हें गुरूर कि रखते हैं ताक़त ओ कसरत
हमें ये नाज़ बहुत है खुदा हमारे लिए
तुम्हारे नाम पे जिस आग में जलाए गए
वो आग फूल है वो कीमिया हमारे लिए
7. मुहर्रम मुबारक
कर्बला को कर्बला के शहंशाह पर नाज़ है,
उस नवासे पर मुहम्मद को नाज़ है,
यूँ तो लाखों सिर झुके सज़दे में लेकिन..
हुसैन ने वो सज़दा किया जिस पर खुदा को नाज़ है.
8. सजदा से कब॔ला को बंदगी मिल गई
सबक से उम्मत को ज़दिगी मिल गई
एक चमन फातिमा का गुज़रा
मगर सारे इस्लाम को ज़िंदगी मिल गई.
MUHARRAM 2020
9. दश्त-ए-बला को अर्स का जीना बना दिया,
जंगल को मुदहम्मद का मदीना बना दिया,
हर जररें को नजफ का नगीना बना दिया,
हुसैन तुमने मरने को जीना बना दिया
10. जन्नत की आरजू में
कहां जा रहे हैं लौग
जन्जत तो कब॔ला में
खरीदी हुसैन ने
दुनिया-ओ-आखरत में
जो रहना हो चैन से
जीना अली से सीखो
मिटना हुसैन से
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