Shah Ast Hussain Hindi Lyrics Manqabat 2022 | 1443 | Farhan Ali Waris
हुसैन मोला हुसैन मोला हुसैन
हुसैन मोला हुसैन मोला हुसैन...
हुसैन हुसैन या हुसैन
हुसैन हुसैन या हुसैन
शाह अस्त हुसैन बादशाह अस्त हुसैन
दीन अस्त हुसैन दीन पानाह अस्त हुसैन
शाह अस्त हुसैन बादशाह अस्त हुसैन
दीन अस्त हुसैन दीन पानाह अस्त हुसैन
सरदार ना दाद दस्ते दर दस्त ए यज़ीद
सरदार ना दाद दस्ते दर दस्त ए यज़ीद
हक्का के बिना ए ला इलाहा अस्त हुसैन
शाह अस्त हुसैन बादशाह अस्त हुसैन
दीन अस्त हुसैन दीन पानाह अस्त हुसैन
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1) गुजरी हसीन जिंदगी इस आन बान से, तौहीद बोलती रही तेरी जबान से, बटते हैं जन्नतो के घर तेरे मकान से,
सर ए अर्श तेरा लहराए अलम
सर ए अर्श तेरा लहराए अलम
कोई तुझ सा नहीं कौनैन में सुल्तान हुसैन
शाह अस्त हुसैन बादशाह अस्त हुसैन
दीन अस्त हुसैन दीन पानाह अस्त हुसैन
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2) तेवर हसीन और हसीन अंदाज़ ए गुफ्तुगू, ऐसे बने सजे हुए अल्फाज रु बा रु, जैसे नमाजी बैठे हों मस्जिद में बा वजू,
लगता है हमें वोह तेरा बयान
लगता है हमें वोह तेरा बयान
जब पढ़ते हैं हम सुरहे रहमान हुसैन
शाह अस्त हुसैन बादशाह अस्त हुसैन
दीन अस्त हुसैन दीन पानाह अस्त हुसैन
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3) लिखा हुआ है खून से, सर सीन ए हदीद, करबोबला के दश्त में हुआ मरका शहीद, जिंदा मेरा हुसैन है मारा गया यज़ीद,
जो शाम ओ सहर होती है अज़ान
जो शाम ओ सहर होती है अज़ान
होता है ये तेरी जीत का एलान हुसैन
शाह अस्त हुसैन बादशाह अस्त हुसैन
दीन अस्त हुसैन दीन पानाह अस्त हुसैन
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4) काटा गले से तेग का, तुने गला हुसैन, कायम है दो जहान में, तेरा दब दबा हुसैन, नारा है तेरी फ़ौज का, लब्बैक या हुसैन,
हर एहले अजा हर मोमिन के
हर एहले अजा हर मोमिन के
यही नारा लबों पे रहता है हर आन हुसैन
शाह अस्त हुसैन बादशाह अस्त हुसैन
दीन अस्त हुसैन दीन पानाह अस्त हुसैन
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5) बे घर खुदा के दीन को, देखा तो घर दिया, नबियों से जो न हो सका, वोह काम करदिया, सजदो से तूने खान ए काबा को भरदिया,
अजरो से अज़ल तारो से अबा
अजरो से अज़ल तारो से अबा
है सारे जमानो पर तेरा एहसान हुसैन
शाह अस्त हुसैन बादशाह अस्त हुसैन
दीन अस्त हुसैन दीन पानाह अस्त हुसैन
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6) ईमान की रूह इश्क का काबा हुसैन, है पढ़ता है जिसको दीन वोह कलमा हुसैन है, जिसको खुदा मनाए वो बंदा हुसैन है,
इस बात से ये भी साबित है
इस बात से ये भी साबित है
तुझ पर है बहोत अल्लाह को भी मान हुसैन
शाह अस्त हुसैन बादशाह अस्त हुसैन
दीन अस्त हुसैन दीन पानाह अस्त हुसैन
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7) उसकी निगाह में तेरा रुतबा बुलंद है, कुरान तेरा आज भी अहसान मंद है, बातिल की उसके सामने आवाज बंध है,
हर मजलिस में हर महफिल में
हर मजलिस मैं हर महफिल मैं
बस तेरी हाय बातें करता है कुरान हुसैन
शाह अस्त हुसैन बादशाह अस्त हुसैन
दीन अस्त हुसैन दीन पानाह अस्त हुसैन
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8) अब्बास भी हुसैन हैं, अकबर भी हैं हुसैन, जहरा के लाल नूर का, पैकर भी हैं हुसैन, कुल कायनात हुस्न का, मेहवर भी हैं हुसैन,
तुझ जैसा हसींन कोई भी नहीं
तुझ जैसा हसींन कोई भी नहीं
है तुझ पे फ़िदा यह गोहर ओ फैजान हुसैन
शाह अस्त हुसैन बादशाह अस्त हुसैन
दीन अस्त हुसैन दीन पानाह अस्त हुसैन
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