ताजमहल का इतिहास History of Taj Mahal
ताजमहल और उसकी कुछ ऐसी बातें जो दुनिया से छिपाई गई|
दोस्तों ताजमहल को हर साल लाखो लोग देखने आते है आपको इसकी हिस्ट्री का तो पता ही होगा कैसे शाहजहाँ से अपने बेगम मुमताज जहाँ के लिए ये ताजमहल बनवाया था और शाहजहाँ ने अपने बेगम के लिए इतना बड़ा ताजमहल बनवाया था अपने प्यार को मुमताज को इम्प्रेस करने के लिए बनवाया था|
दोस्तों इतना बड़ा ताजमहल सीमेंट के बिना कैसे खड़ा हो गया जब की सीमेंट का अविष्कार 1824 Joseph Aspdin एक इन्तेलिगेंट इंसान से किया था जो की इंग्लॅण्ड में रहते थे और इन्होने ही दुनिया का सबसे पहले सीमेंट का फैक्ट्री बनाई सीमेंट का नाम रखा पोर्टलैंड सीमेंट ताजमहल का काम 1631 में सुरु हुआ और 1648 में जाकर ख़तम हुआ लेकिन बिना सीमेंट के खड़ा हो गया था जिसे आजतक एक खरोच भी नही आई है दरअसल सीमेंट के इन्वेंशन अर्कितेच्क एक ख़ास तरह के पेस्ट इस्तेमाल करते थे जिसमे बहुत अजीब अजीब चीजे होती हैं और ताज महल का काम की बात की जाये तो इसमें बहुत सारे विशेष टोन्स प्रयोग में लाये गए हैं जैसे की येमेनाइट, अकीब, येमेनाइट, फिरोजा, लाजवर्द, मोंगा, सोलामेनी, लह्सनिया, ताम्रा, यार, ये सब पत्थर उसे होते थे जो की बहुत रियर स्टोन होते थे और ये उस समय रसिया, राजस्थान, उज्बेगिस्तान, ईरान, इसराइल, इन सब तरह के दुनिया बहर के अलग अलग देशो से मगाए गए थे इसमें कुछ अल्ट्रा रेअर्स स्टोन भी उसे हुए थे जैसे की तिलई पाई-जहर अजूबा नाखोद जो की इतने रियर हैं की पता नही शाहजहाँ ने इन्हें कैसे अरेग किया था लेकिन जोभी उन्होंने किया वो तो एक कबले तारीफ है और तो और जो सेक्रेट पेस्ट ताजमहल में प्रयोग किया गया उसमे गुड बतासा बल्गीरी का पानी और जैसी बहुत सारी चीजो को डाल कर पेस्ट बनाया जाता था और ये पेस्ट सीमेंट से भी मजबूत होता था जहाँ बुर्ज खलीफा बड़े बड़े स्टील के पाइप से नेय दिया गया है वही ताजमहल की नेय लकडियो से रखी गई थी अब आप कहेंगे ये तो नही शोच रहे की भला लकड़ी की नेय 370 साल से कैसे टिकी हुई है दरअसल इसमें सबसे बड़ा रोल यमुना नदी का है तो यमुना सिर्फ ताज महल को अच्छा यूँही नही बनाती बल्कि अगर यमुना नदी न हो तो ताजमहल गिर जाये इसमें होता ये है की पहले के इन्तेलिगेंट लोगो ने इसमें येसी लकड़ी का इस्तेमाल किया है जिसमे चाहे जितना भी पानी भर जाये कोई फरक नही पड़ेगा अब दोस्तों आपने देखा होगा की ताजमहल के चारो मीनार एक दूसरे के पेर्पेंदीकूलर घिरे हुए हैं मतलब की स्टेट नही खड़े हुए हैं और ऐसा भी जान भूजकर किया गया था दरअसल इसलिए किया गया था की अगर कभी भी जोर का भूकंप आता है तो वो चारो मीनार ताजमहल से दूर गिर जाये और इस तरह से भूकंप के झडके ताजमहल को कोई नुक्सान न पहुचाये|
ताजमहल को उसवक्त बनाने में कितना खर्चा आया था
ताजमहल को उसवक्त बनाने में कितना खर्चा आया था आप जानते होंगे की उस समय एक रूपये की कीमत बहुत ज्यादा थी उसके हिसाब से देखे तो आज ताजमहल की Cost आती है 1 से लेकर 2 Billion Dollar डॉलर $ यानि करीब आठ हजार से 10 हजार करोड़ रुपये की लागत आई थी
Taj Mahal में लाइट क्यू नही लगाई गई
Taj Mahal में लाइट क्यू नही लगाई गई क्या आप जानते है की ताजमहल का सफ़ेद रंग लाइट को सबसे ज्यादा रिफ्लेक्ट करता है और इसी लिया अगर रात के समय ताजमहल पर लाइट्स लगा दी गई तो ताजमहल के पत्थर लाइट्स को रिफ्लेक्ट करेंगे और साथ ही में ताजमहल रात में ज्यादा चमके गा जिससे आसपास के कीड़े मकोड़े उसपर आके चिपक जायेंगे और ताजमहल के पत्थर को भी नुक्सान पहुचाएंगे और यही वजह हैं की आजतक ताजमहल पर लाइट्स नही लगी|
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