Ali Un Wali Ullah | Noha Lyrics Hindi | Syed Shadman Raza Naqvi

Ali Un Wali Ullah | Noha Lyrics Hindi | Syed Shadman Raza Naqvi

Ali Un Wali Ullah | Noha Lyrics Hindi | Syed Shadman Raza Naqvi

अली या अली या अली या अली

हैदर मौला हैदर मौला हैदर मौला हैदर मौला

अली अल्फ़ा अला अली औहला अला

फातमा अई फिताथि के बहाने अई हक़ अली का है यही सबको जताने आई ! आयना जालिम जाबिर को दिखाने आई क्या विलायत है हाँ सबको बताने आई !

अली पहला खलीफा अली सोह्हरे जाहरा .....2

एक पहलु सिकस्ता ने कहा

अली उन वली उल्लाह अली उन वली उल्लाह.....2

ये विलायत है कि हम उसको वली कहते हैं

ये सखावत सखी है कि हम उसको सखी कहते है

जो मोहमद ने बताया है वही कहते है

हम तो अल्लाह के बन्दे को अली कहते हैं

अली खुल्क का मालिक अली लह्जाये खालिक उसको महबूब है महबूब खुदा

अली उन वली उल्लाह अली उन वली उल्लाह.....2

लस्करे नारा है अली जिसने पुकारा है अली

लस्करे नारा है अली जिसने पुकारा है अली

उसका सहारा है अली

अली उन वली उल्लाह अली उन वली उल्लाह.....2

सुल्ब में जो रहा अबुतालिब के सेरे खुदा घर है अल्लाह का अब किसकी विलादत की जाये कोह से उनके सदके से जो हुआ है पैदा कहते उसको जहुरे न घटाए रुतबा

अली वालियों में अफजल बादे अहमद है अली सबसे बड़ा

अली उन वली उल्लाह अली उन वली उल्लाह.....2

है दुआ खुस रहो अली के दीवानों

जब पड़ो अली नाते अली राज अली का जानो

ये भी है सर्त विलायत की उह्ने पहचानो

सिर्फ मानो न बात भी उनकी मानो

अली पहली इबादत अली रोजे सहादत

जो अली ने कहा तुमने किया

अली उन वली उल्लाह अली उन वली उल्लाह.....2

लस्करी नारा है अली जिसने पुकारा है अली

लस्करी नारा है अली जिसने पुकारा है अली

उसका सहारा है अली

अली उन वली उल्लाह अली उन वली उल्लाह.....2

एक विलायत है की क़ज़ा न हो नमाज उससे राजी है खुदा सहे दिले सहे अजाज बक्स दी उसने ये अन्घूति ये खुला सब पर राज करता अल्लाह है उसकी सहादत पर नाज

अली दीन पनाही अली अज्हे इलाही कामयाब जो अपने लहू से हुआ

अली उन वली उल्लाह अली उन वली उल्लाह.....2

ये तासौवाद में गवाही का जो आया इब्हान पहले खालिक की गवाही का है मोहम्मद का है नाम और आखिर में जो है प्यारे मोहम्मद पे सलाम इसमें मयुद विलायत है ये है 12 इमाम

अली पहला है जाहिर अली मेहदी ये आखिर हर ज़माने में अजाजे रहा

अली उन वली उल्लाह अली उन वली उल्लाह.....2

लस्करी नारा है अली जिसने पुकारा है अली

लस्करी नारा है अली जिसने पुकारा है अली

उसका सहारा है अली

अली उन वली उल्लाह अली उन वली उल्लाह.....2

ये अजा खून के अस्को का वजू मांगती हैं

पाक सीरत है इबादत का सबु मांगती है

हाथ अब्बास के असगर का गुलू मांगती है

ये विलायत है जो नस्लों का लहू मांगती है

अली सज्रे तय्यब अली गाल्बे बे ग़ालिब

नसले पाकीजा ने जब देखे के कहा

अली उन वली उल्लाह अली उन वली उल्लाह.....2

इस विलायत में ही जागी है नबी के घर में

खाई बार्ची है कलेजे पे अली अकबर ने

दी है मकतल में गवाही भी अली असगर ने

उच्चा रखा है विलायत को कटे हुए सर ने

अली सबका है मौला अली सबसे है ऊँचा

फक्र से कहता है हर अहले अजा

अली उन वली उल्लाह अली उन वली उल्लाह.....2

लस्करी नारा है अली जिसने पुकारा है अली

लस्करी नारा है अली जिसने पुकारा है अली

उसका सहारा है अली

अली उन वली उल्लाह अली उन वली उल्लाह.....2

एक था मजलूम था जिन्दान में था हाय हाय

ख़त्म करने को विलायत के सितम दह्ये

बे रिदा साम के दरबार में कैदी आये

इसकी खातिर ही सकीना ने तमाचे खाए

अली बाबा के बाबा अली सबके मसीहा आये मुन्ताक्ले केर्बोबाला

अली उन वली उल्लाह अली उन वली उल्लाह.....2

लस्करी नारा है अली जिसने पुकारा है अली

लस्करी नारा है अली जिसने पुकारा है अली

उसका सहारा है अली

अली उन वली उल्लाह अली उन वली उल्लाह.....2

हैदर मौला हैदर मौला हैदर मौला हैदर मौला 

Shadman Raza Naqvi


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